Gulzar sahab shayari ~ chhattisgarhi love मया ओला खुद खोज लेथे
हमने गुलजार साहब की कुछ शायरी ले कर आप सभी के लिए लेकर आया हु। गुलजार साहब प्रसिद्ध लेखक है उनके द्वारा लिखी गई गजल, शायरी सभी के दिल को छू जाती है ऐसे ही कुछ लोकप्रिय,दिल को छू जाने वाली शायरी इक्कठा कर के आप सभी के लिए लाया हु जो आप सभी को बहुत पसंद आएगी।
Gulzal sahab shayari in chhattisgarhi
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Gulzar sahab shayari |
मया ला खोजे बर का बर निकल थस
मया ओला खुद खोज लेथे
जेन ला बर्बाद करना रीथे...।
दौलत शोहरत तोर ले कुछु नई मांगव
कईसे हस ए दु शब्द के परवाह में मांगव...।
वो संगी जेन कभु मोर रीहिस ही नई हे
वो मोला कोनो दूसरा के घलो होन नई दिस...।
कभू जिनगी एक पल म गुजर जथे
ता कभू जिनगी के एक पल घलो नई कटय...।
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Gulzar sahab shayari |
जेन दिन ते राहत रेहेस आंखी म अंजोर राहत रीहिस
अब अब्बड जाला हे अऊ यहु जाहु कहत हे...।
आंखी ले पानी बोहावत हे ता बोहावन दे
कोनो पुराना दिन याद आगे...।
मिलथे अब्बड़ अकन जिनगी ले
बस ह मन गीनथन उही ला
जेला ह मन पा नई सकन...।
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छत्तीसगढ़ी मया शायरी |
जब ले तोर नाव के मिसरी होठ लगाई है
मीठा मीठा गम हे अऊ मीठी तन्हाई है...।
उतरत हस की चडहत हस
या फेर मोर मुस्किल ला ते पढ़हत हस...।
वक्त घलो कोनो करा टीक के नई रहय
एकरो आदत घलो आदमी जईसे होगे हे...।
तोर बाद घलो हर घड़ी मेहा
तोरेच संग गुजरे हव...।
अब्बड़ अंदर ले जला देथे
वो शिकायत ह जेन कभी बताए नई जाए...।
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Gulazar shahab shayari |
में ओला धीरे ले पुछेव " मया करे लग गेस का"
ओ आंखी ला झुका के बोलीस "अब्बड करथव"
सहम गे मोर सपना ह
शायद जरूरत ह ओकर
ऊपर जोर से चिल्लाय हाेही...।
सब कहीथे की खुश रहो...
फेर कोनो खुश देख घलो नई सकय...।
>>>Gulzar sahab ki chhattisgarhi shayari <<<
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Gulzar sahab Cg shayari |
कोनो पुछ ही मोला तोर जिनगी के कीमत का हे
मोला याद आईस तोर मुच ले हसना...।
का मोर गलती हे साबित कर के देखा
अगर में बुरा हव तेला साबित कर के देखा
तोला कतना मया कर थव तेला ते का जानबे
चल बेवफा ही सही
तै अपन मया साबित कर के तो देखा...।
मोला अतना का बर दिखावत हस ए जिनगी
कोन से मार इहा सदिया बीताय बर आय हव...।
में वइसे का बर बनो जईसे ते चाहथस
मोला तै का बर नई अपनावस जईसे में हवव...।
पीरा घलो अपने आप कम होगे
जब सपना ले उम्मीद कम होगे...।
Not:- hey friends आपको हमारी गुलजार साहब की छतीसगढ़ी शायरी कलेक्शन आपको कैसा लगा। गुलजार साहब की शायरी को हमने छतीसगढ़ी में ट्रांसलेट की छोटी सी कोशिश की है यह आपको कैसा लगा कॉमेंट करके जरूर बताए।दोस्तो कॉमेंट जरूर करिए आपके कॉमेंट से ही मुझे मोटिवेशन मिलता है।